Tag: Hindi
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मेरे माही
जन्नत तू बन जा मेरीमैं बनूं तेरा राही।ख्वाब देखे हैं बस तुझे पाने केए मेरे माही। तेरे जैसा ना कोई दूसराइस दुनिया में। तो तेरे जैसा कोईकैसे मांगू मैं खुदा से ?बस तू हैबस तू ही एक है जिसे मैं चाहूं। लगता है जैसे यह जमीनतेरे ही गीत गाए।आसमान भीतेरा ही नाम गुनगुनाए। पर है…
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दर्द की चादर (Dard ki chadar ~ Hindi Poem)
दर्द की चादर ओढ़े जी रहे हैं हम ।दूसरों को क्या बतानाखुद के आंसू खुद ही से छुपा रहे हैं हम ।हमारे अंदर दर्द है कितनाहम खुद भी ना जाने ।दुनिया के सामने जो हम खील खिलाकर हंसेउससे बड़ी मुस्कुराहट से हम खुद को भी बेहलाए ।छलिया है हमारी जिंदगीखुद को भी धोखा दे रहे…
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गंगा (Ganga ~ Hindi poem)
गंगा पर्वत से उतर कर चली, सागर में होने विलीन ।। २ ।।अपनी राह में हुई वह, मनुष्य के हाथों मलिन । कहने लगा मनुष्य, मैं तो हुआ पवित्र, हुआ मैं मेरे पापों से मुक्त ।। २ ।। पर एहसास ना हुआ उसको, कि बांध के चला गया वह, अपने पापों की बेड़ियों में, किसी…
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अमृत (Hindi quote/poem)
अमृत क्यों ढूंढे हम, जब पानी से भी प्यास बुझे।अमृत का क्या करें हम, जब जीने की आस ही ना बचे।